डिजिटल भुगतान के इस दौर में UPI (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस) भारत की सबसे पसंदीदा पेमेंट विधि बन चुका है। लेकिन हाल ही में Google Pay ने एक बड़ा बदलाव करते हुए UPI Transaction पर “कन्वीनियंस फीस” लगाने की शुरुआत की है। यह कदम लाखों यूजर्स के लिए चिंता का विषय बन गया है। आइए जानते हैं कि यह फीस क्यों लगाई जा रही है, इसका आप पर क्या असर पड़ेगा, और कैसे आप इससे बच सकते हैं।
Free UPI Transaction का दौर अब खत्म?
भारत में UPI के माध्यम से हर महीने 10 अरब से ज्यादा Transaction होते हैं। अब तक इन Transaction पर किसी तरह का अतिरिक्त शुल्क नहीं लिया जाता था, जिससे यह सेवा आम जनता के लिए सस्ती और सुलभ बनी हुई थी। लेकिन Google Pay ने हाल ही में एक यूजर से बिजली बिल भरने पर ₹15 की “कन्वीनियंस फीस” वसूली। इस फीस को “Processing Charge” के नाम से दिखाया गया, जिसमें GST भी शामिल था।
क्यों लग रहा है यह UPI Transaction Charge?

Google Pay के अनुसार, यह फीस क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड से की गई पेमेंट प्रोसेसिंग के लिए लगाई जाती है। हालांकि, यूजर्स का मानना है कि UPI Transaction पर भी यह चार्ज अप्रत्यक्ष रूप से लागू हो रहा है। कंपनियों का तर्क है कि बैंकों और पेमेंट गेटवे को होने वाले लेनदेन की लागत को कवर करने के लिए यह शुल्क जरूरी है।
किन सेवाओं पर लगेगा Transaction Fee?
अभी यह फीस सीमित सेवाओं पर लगाई जा रही है, लेकिन आने वाले दिनों में इसका दायरा बढ़ सकता है:
- Bill Payment : बिजली, पानी, गैस जैसे उपयोगिता बिल।
- Recharge : मोबाइल, DTH, मेट्रो कार्ड।
- Insurance Premium : लाइफ/हेल्थ इंश्योरेंस।
- Travel Booking : रेलवे, फ्लाइट टिकट।
- fastag recharge और अन्य ऑनलाइन सेवाएं।
नोट: Mobile Recharge पर पहले से ही कुछ Apps “प्लेटफॉर्म फीस” या “गेटवे चार्ज” वसूल रहे हैं।
यूजर्स पर क्या पड़ेगा असर?
- मध्यम वर्ग के लिए बोझ: छोटे-छोटे UPI Transaction पर ₹5-₹15 का चार्ज महीने भर में सैकड़ों रुपये का अतिरिक्त खर्च बन सकता है।
- Digital India पर प्रभाव: सरकार ने UPI Transaction को फ्री रखकर Digital Payment को बढ़ावा दिया था। चार्ज लगने से लोग नकदी की ओर लौट सकते हैं।
- पारदर्शिता की कमी: कई बार यूजर्स को पता ही नहीं चलता कि चार्ज कब और कैसे लगेगा।
कैसे बचें UPI Transaction शुल्क से?

- डायरेक्ट बैंक ऐप्स का उपयोग: SBI Yono, PayZapp, iMobile जैसे Banking Apps पर UPI Transaction फ्री हैं।
- क्रेडिट कार्ड से बचें: क्रेडिट कार्ड के बजाय डायरेक्ट UPI या नेट बैंकिंग चुनें।
- चार्ज वाले प्लेटफॉर्म से सावधान: पेटीएम, फोनपे या Amazon Pay जैसे Apps पर ट्रांजैक्शन से पहले “चार्ज” डिटेल चेक करें।
क्यों बदल रहा है Digital Payment का नियम?
अब तक UPI पर कंपनियों को RBI और सरकार से सब्सिडी मिलती थी, लेकिन अब यह समर्थन धीरे-धीरे खत्म हो रहा है। दूसरी ओर, पेमेंट गेटवे कंपनियों को प्रति ट्रांजैक्शन बैंकों को शुल्क देना पड़ता है। इस लागत को पूरा करने के लिए वे यूजर्स से फीस वसूल रही हैं।
एक्सपर्ट्स की राय:
“UPI पर चार्ज लगाना एक व्यावसायिक निर्णय है, लेकिन इसे पारदर्शी तरीके से लागू किया जाना चाहिए। यूजर्स को पहले से सूचित किया जाए कि किन सेवाओं पर चार्ज लगेगा।” – फिनटेक इंडस्ट्री एनालिस्ट
भविष्य में क्या होगा?
- सभी प्लेटफॉर्म चार्ज लगा सकते हैं: Google Pay के बाद Paytm, Phone pay जैसे ऐप्स भी इस मॉडल को Follow कर सकते हैं।
- सरकार का रुख: RBI और वित्त मंत्रालय ने अभी तक कोई गाइडलाइन जारी नहीं की है, लेकिन UPI के व्यावसायिक मॉडल पर चर्चा जारी है।
- यूजर्स का विकल्प: चार्ज से बचने के लिए यूजर्स सीधे Banking Apps या अन्य Free Platform की ओर रुख कर सकते हैं।

निष्कर्ष
गूगल पे द्वारा UPI Transaction पर चार्ज लगाने का फैसला Digital Payment इकोसिस्टम में एक बड़ा बदलाव है। यूजर्स को अब हर Transaction से पहले चार्ज की डिटेल्स चेक करनी होंगी और सस्ते विकल्पों की तलाश करनी होगी। सरकार और पेमेंट कंपनियों के बीच इस मुद्दे पर संतुलन बनाना जरूरी है ताकि Digital India का सपना धीमा न हो।
क्या सभी UPI Transactions पर चार्ज लगेगा?
नहीं, अभी केवल कुछ सेवाओं जैसे बिल पेमेंट और रिचार्ज पर ही चार्ज लग रहा है।
क्या PayTm या Phone Pay भी चार्ज लगाएंगे?
संभावना है कि अन्य प्लेटफॉर्म भी इस मॉडल को अपना सकते हैं।
चार्ज कैसे चेक करें?
Transactions Confirm करने से पहले “ब्रेकअप” या “चार्ज डिटेल्स” देखें।
Credit Card से UPI पर चार्ज क्यों लगता है?
Credit Card ट्रांजैक्शन में बैंक अधिक प्रोसेसिंग फीस लेते हैं।